عبد الحميد أفندي وهبه
Mr Abdel Hameed Wahabh عيد سعيد |
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(
عيد سعيد ) |
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عــيــد
كــمـــا
لهــوى
القلوب سعيد
|
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أبــدا
نـــراه
بــمـــا
يـســـر
يـعــــــــود |
إن
الــزمــــان
وإن يـجـــئ
مـتـكررا |
|
فــمــذاقــه
عــنــد
الــكــــرام
جــديــــد |
ولــنــا
نــبــي
الــدومـي
من استاذنا |
|
مـــدد
بـــه أنـس
الـــزمــــان
يــزيــــد |
فــلــئــن
يـعــيــد
غــيــرنــا
بـثيابهم |
|
قــلــنـــا
بــرؤيــة
تــعــيــيــــــــــــــــد |
(
لعين ألف عين
تكرم ) |
||
الله
يــكـــرمــنــا
لأجـــل
طـبـيـبـنــــا
|
|
حـســـا
ومـعــنــى
والانـــــام
شــهــود |
وطـبـيـبـنــا
آمـــــــالــه
ومــيــولـــه
|
|
أن
يـجـتـبـيــك
الــخـــالـــق
الـمـعـبـود |
إن أنت قد
خطرت ببالك
حـــــاجـــة
|
|
صـعــبــت
وأنـت
لــهـــا
أفــي
تـريــــد |
فـــادع
الإلـــه
بـجـاه شيخك
مخلصا |
|
تــر
عــنــد
بــابـك
يـحـضــر
المقصود |
إسأل
الشيخ الذين
إلي العلا
وصــوا |
|
فــذلـك
مـــرجـــع
مـحــمــــــــــــــــود |
اســـأل
أخـي
الــرمــلــي
عـنـه فعله |
|
بـالـشــيــخ
عــلــم
لـلـقــلـوب
يـقـيــــد |
هــذا
افـتــدى
تـــراه
دائــمـــــــــــــا |
|
هـــو
مــن
رجـــالات
الـهـــدى
مـعدود |
والـفـاضــل
الـرمـلي
أبن العارف
الـ |
|
ـدومــي
فـنـعــم
الــوالــد
الـصــنـديـــد |
( لا
يعرف الفضل
إلا ذووه ) |
||
أهـــل
الـطـــريــق
جـواهـر
مخبوءة
|
|
عــرفـــان
قـيـمـتـهــا
عـلـيـك
بـعـيــــد |
لا
تـحـكـمــن
إذا ســألـت
عـلـيـهــــم
|
|
إذ أنـت
فــي مـهــد
الـطــريــق
ولـيـــد |
الأســد
تـعــرف
قـــدرهــا
أشـبــالها |
|
والـشـبـل
يـســـأل
عــن
قـــواه
أســود |
(
مهنة الشيخ ) |
||
الشيخ في
أرض الكنانة
كــوكــــــب |
|
شـهـــدت
بــرفــعــتــه
الـمـلوك
الصيد |
مــرضــى
الـقـلــوب
إذا أتـتـه
فــإنه |
|
يـجـلــو
الـدجـى
عــن
ســاحـها
ويزود |
ويـذيـقـهــا
مــن
مـنـهـلـيــه
أربعـــا |
|
قـلــب
الـمـحــب
يـجـمـعـهــن
يـســـود |
ســيــر
يـصـاحبه
اجتهاد في
الهدى |
|
فـتـوجــــــه
فـتـقـــرب
فـشـهــــــــــود |
( لا
ينكر) |
||
هــانــيـك
حــــــال
الشيخ مع
أتباعه
|
|
حــــال
بـهـــا
شـــم
الـجــبـــال
تـمـيــد |
حـــال
الـثقات
العارفين
أولي النهي |
|
أمــثـــال
شــخــصـــك
أيـهــا
الـصنديد |
حــال
الــثقات
العارفين
أولي النهي |
|
مـن
حــوضـهــم
طــول المدى
مورود |
حـــال
لـهــا
عـــــرف
الجميع
وإنها |
|
لـبـذكـــركـــم
فــي
الـعــالـمـيـن
تـشـيد |
عـلـمــاؤنــا
فـضـــلاؤنـا
كـبر اؤنسا |
|
شهــــدوا
بــأنــك
فــي الـكـمــال
فـريد |
( من
البحرين ) |
||
مــن
عـــالــمــيــن
اثــنــيــن
أنــــت
|
|
فــقــالــب
فـينا وقلب
في السماء
عتيد |
بـيـن
يــرى
الأســتـاذ
مرسل وعظة |
|
والــنــاس
فــي صـمــت
لــديــه
قـعود |
وإذا
بـقـلـب
الـشـيـخ
بـيـن ملائك
الـ |
|
ــمــولــي
يــســـبـح
مـن عـليه يـجـود |
(
دروس
التفسير ) |
||
أنـظــر
إلي
الـتـفـسـيـر
كيف يسوقه
|
|
نــورا
إلـي
الـحــق
الـمـبـيــن
يـقــــود |
كــم
فـســر
الـعـلـمـاء
وفق فهومهم |
|
والـفـهــم
قــد
يـهــوى
بــه
الـمـجـهود |
لــذلـك
الـشـبـه
انـتـشـرنـا
ولـم نجد |
|
مــن
قـبــل
مـصـــبــاح
لـهــن يـبــيـــد |
حـتــى
أتي الشيخ
الأمــام
فــأشرقت |
|
شـمــس
الـحـقــائـق
وانـجـلـي
التعقيد |
و
انـجـابـت
الـشـبه
التي مـن
كثرها |
|
قـــد
كـــان
مـنـهـــا
لـلـهـــدى
تـهــديد |
الـحــق
مـهـمــا
يـخـف
يـعــل
مكانه |
|
والــتــرهـــــات
مــــآلـــهــــا
الـتـبـديد |
لا زال
قــدرك يــا
طـبـيـبــي
عــالـيا |
|
مـــا رن
فـــي
آذنــنـــا
تــغـــــريـــــــد |