مــولـــد
الـهــاشــمـي
مشعـــر قلبي
|
|
بـنـعـيـم
أعـــــــــــــــده
لـــي ربـــي
|
وبــأمـثــالــه
لـكـــــــــــــم
فـهـنـيـئــا
|
|
بـالـــذي
عـنــه
يـــا
رفـــاقـي
أبـنـي
|
رب
هــذا
تـنـبــؤ
هــــــــــــــو
مـنــي
|
|
مـطـمـع
فـيـك
فــانـصــر
الـمـتـنـبـي
|
مــولــد
الـهــاشـمـي
مـصــدر
أنـــس
|
|
يـتـمـنــاه
دهـــــــره
كــــــــل
حـــب
|
مـــولــد
الـهـاشــمـي
يــا قــوم
سوق
|
|
لأولـي
الـصــدق
مـنـه
أكـبـر
كـسـب
|
مــولـد
الهــاشـمـي
حـقـا أمار
العرب
|
|
فـي
الـمـشــرقـيــن
أمـجــد
شــعـــب
|
هــديــت
أمــه
الـنـبـي
بــــأكـــــــــرم
|
|
ديــن
وأثـبـت
خـيــــــــــــــر
كــتــب
|
وبـقــــــــرآنـهــا
تــوالــت
عـلـيــهــا
|
|
سـحـب
الـخـيـر
وهـي أغــزر
سحب
|
ربـنـا
يــا ودود
صــــــــــل
وســـلـــم
|
|
دون
حــصـــر
عـلي الحبيب
المحب
|
وعــلــي
آلــه
الـكــرام
وصــحـــــــب
|
|
وقــرون
من بـعــد
عـجــــم
وعـرب
|
وقـنــا
الـســـوء
ربـنـــا
وأنـلـنـــــــــا
|
|
ســؤلـنــا
مـن
عـطــائـك
الـمـستحب
|
عـــود
الـنـاس
سيد الخلق
أخــلاقــا
|
|
حـســانــا
عـن ديـنـه
الحــق
ثـبـنـي
|
وحـيـــاة
بـعــد
الجـهــــالــــة
عـلـمــا
|
|
وســــلامــا
مـن بـعـد
ثــأر
وحـــرب
|
وهـــدي
مــن
غـفــلــة
وضـــــــــلالا
|
|
وأمــانــا
مـن بـعــد
ســلـب
ونـهــب
|
وغــــدى
طـيــب
الـكــــــلام
بـديــــلا
|
|
مـن
نـقــاش
حـــام
وشــتــم
وســب
|
والخصومات
في حمى الشرع
كانت
|
|
تـتـلاشــى
مــا بـيـن
صـلـح
وعـتـب
|
دعــوة
الـمـصـطـفـي
بـنـي
الإســـلام
|
|
فـمـا
أفـضــى
لـســــــــوء
الـمـغــب
|
دعــوة
ورثـتـهــم
الـرشــد
والـصدق
|
|
فـنـعـم
الــداعـي
ونـعــم
الـمــربــــي
|
ربـنــا
يــا ودود
صــــــل
وســــلـــــم
|
|
دون
حــصــر
عـلي الحـبيب
المحب
|
وعــلــي
آلــه
الــكـــرام
وصـحــــــب
|
|
وقــرون
مـن بـعــد
عـجــم
وعــرب
|
وقـنــــــا
الـســــوء
ربـنـــا
وأنـلــنـــا
|
|
ســؤلــنـا
مـن
عـطــائـك
الـمـستحب
|
أنــا
أدعــوكــم
إلـي حــب
طـــــــــــه
|
|
كــلـكـم
حـسـبـمــا
رأيـت
قـلــبــــــي
|
كـلـكــم
عــاشــق
الـنـبـي
أجل الخلق
|
|
قــــدرا
وخــيــرهــــــــــم
دون ريب
|
حـب
طــه
يـتـسـيـر
رزقـــك
فـيـــــــه
|
|
حـب
طــه مـذلـل
كـــــــــــل
صـعــب
|
حـب
طــه بــاب
الـنـعــيــم
يـقـيـــنـــا
|
|
حــب
طــه
الـنـجـاة
مـن كــل
كـرب
|
حـب
طــه سـحــر
بـقـلـبـك
يــحــلـــو
|
|
حـب
طــه
سـبـيـل
وصــل
وقـــــرب
|
حـب
طــه نــور
الـبـضـائـر
حــقــــــا
|
|
حــب
طــه غـنــي
لـكــــــــل
محـــب
|
حـب
طــه
مـبـنـاه
شـــوق
فـــــــذوق
|
|
حـب
طــه
مـعـنــاه
رضـــوان
ربــي
|
حـب
طــه نـصــر
عــلـي كــل
بـــــاغ
|
|
حــب
طــه مــاح
لأخـطــر
خــطـــب
|
حـب
طــه
بـشـــرى
بـعـفــو
مـلـيـكي
|
|
أحـكـم
الـحــاكـمــين
عوني وحسبي
|
ربــنــا
يــا ودود
صــــل
وســـلـــــــم
|
|
دون
حصـــر
عـلـي
الحبـيب
المحب
|
وعــلـي
آلــه
الكـــرام
وصـــحـــــــب
|
|
وقــرون
مــن بعــد
عــجـم
وعــرب
|
وقــنــا
الــســـوء
ربـنــــا
وأنـلــنـــــا
|
|
ســؤلـنـا
مـن
عـطـائـك
الـمـسـتـحب
|
فـتـح
الـعــرب
يـــا
رفــــاق
كـثــيـــرا
|
|
مـــن
أقـالـيــم
ذات زرع
وعــشـــب
|
فـجــرت
أنـهــر
الـعـــدالــة
فـيــهــــا
|
|
وأتـاهــا
الــرخــاء
مــن كــل
صوب
|
وبـديـن
الـنـبـي
قــرت
عــيـــــونـــــا
|
|
وأطــمــانــت
بــحـكـمه
الـمــستـنـب
|
ورأت
فـي
أعـتـنـاق
ذا الـديـن
عـــزا
|
|
وأنـتـقــالا
إلــي
رخــاء
وخــصــــب
|
فــأحـبـت
رب
الـسـمــــوات
والأرض
|
|
إلــــــه
الـنـبــــــــي
أبــلــغ
حـــــــب
|
وتـفـانـت
فـي نـصــرة
الدين
إرضاءاً
|
|
لــــــرب
رأتـــه
أكــــــرم
حــــــــــب
|
وبــزاد
الـتـقــوى
اسـتـعــدت
لـيـــوم
|
|
فـــيــه
يـبــلــي
الطـفــل
بــشــيــــب
|
وتـســامـي
الإســلام
وأمـتــد
حـتـــى
|
|
شــمـل
الــنــور
كــل
صــقــع
ودرب
|
ربـنــا
يــا ودود
صـــــل
وســـــلـــــم
|
|
دون
حــصــر علي
الحـبيب
المحـب
|
وعـــلـي
آلـــه
الـكـــرام
وصـــحــــب
|
|
وقـــرون
مـــن
بـعــد
عـجـم وعرب
|
وقــنـــا
الـســـــوء
ربــنــــا
وأنـلـنـــا
|
|
ســؤلـنا
مـن عـطائـك
الـمـسـتـحـب
|
ويــمــر
الـــزمـــــان
بـالـنـاس
لـكــن
|
|
بعــضهم
شاعــر
بـضـيـق
ورعـــب
|
لـم
هــذا ؟ وفـي
الـوجـود
رسول الله
|
|
إن
تـــــــدعـــــه
لــعــــــــون
يـلــب
|
يـمـحــق
الله
الـصـــــــــــلاة
عــلـيــه
|
|
كــــل
رعــــب
وللـــمــــرة
يـــربــي
|
إن
هــــذي
الـصـــــلاة
أشـفـي علاج
|
|
أنــهـا
للــقــلــوب
أنـــجـــح
طـــــب
|
هـي
طـب يــا
صـــاحـبــي
مـعـنـــوي
|
|
أبطـب
الأجـســـام
يـصــلـــح
قلبي ؟
|
لا
وربي بل
بالصـــلاة
عـــلي
الهادي
|
|
فـفـيـهــا
لـحـسـن
لـعـقــلـي
يـســبي
|
تـصـقــل
الـعـقــل
تـخـرج
الزيف منه
|
|
تـبـرئ
الـقـلـب
مـن ريــاء
وعـجـب
|
وتـصــح
الأبــــدان
مــن غـيـر
شـــك
|
|
وتـنــمـي
الإداك فــي
كــــــــــل
لــب
|
وتـشـــم
الأنـــوف
مـنـهـــــا
عــبـيرا
|
|
أو
نـسـيــمــا
طـلــقــا
شــذى المهب
|
وتـجـئ
الأرزاق
مـنـهــا
ســـراعـــــا
|
|
دافـــقــات
كـــالـنـهـــر
عــند المص
|
وبهـــا
نـكـســب
الـبـصـــائــر
نـــورا
|
|
قـــد
نـلـقــي
فـيــه
عــجــائـب
غـيب
|
وثـيــر
الـقـبـــور
والـقـــبــر
إمــــــــا
|
|
روضــة
الـــروح أو
غــيــابـة
جــب
|
وتـكــف
الـغـــريـــم
إم رام
ضـــــــرا
|
|
أو
بــدأ
وهــــــــو
لــلأذاة
مـخـــبــي
|
وهـي
الـعــــز
فــي
حــيــاة
كــهـــذي
|
|
وهي
الخلد
والرضـــــــا
عــنـد ربي
|
ربــنــا
يـــا ودود
صـــــــل
وســــلــم
|
|
دون
حــصـــر
عـلي الحبيب
المحب
|
وعــلــي
آلــــه
الـكــــرام
وصــحـــب
|
|
وقـــرون
مـن
بـعــــد
عـجـم وعرب
|
وقــنــا
الــســـوء
ربــنـــا
وأنــلــنــــا
|
|
ســـؤلــنــا
مــن
عــطـائك
المستحب
|
ربـنــا
ربـنــا ذا
طـبـيـبـنـــا
فـتـقــبــل
|
|
مـــا
تــرجـي
هـــذا
الطـبيب
المربي
|
هـــو
يـــدعــــو
لـنــا
بـخـيــر
ويرجو
|
|
أن
يـــرانــا
فـي
الـمـجـد
جنبا لجنب
|
ربــنـــا
أنــه
مـــــرب
كــــــــــــريـــم
|
|
ذو
فــــؤاد
إلــي
الــهـــدى
مشـرئب
|
ربـنـــا
أجـعـــلــه
لـلـتـقــــاة
إمــــامـا
|
|
أنــه
حـــزب
الـتـقــاة
أطــهــر
حزب
|
زوه
خــيــرا
وأعـــــلـــه
رب قــــدرا
|
|
وأعــنـه
وعـــافـنـي
وإرأفــــن
بــي
|